मोम का पुतला -अकबर बीरबल स्टोरीज इन हिंदी
इस धमाकेदार कहानी में आपका स्वागत है | कहानियां पढ़ो आनंद लो |
बादशाह अकबर ने सभा में कहा-
क्या वजह है बीरबल, की भगवान स्वयं किसी भक्त की पुकार पर, नौकर चाकर को साथ लिए बगैर, नंगे पैर उसे बचाने दौड़ पड़ते हैं| इसका संतोषजनक उत्तर दो……|
बादशाह अकबर हर धर्म का सम्मान करते थे | बीरबल भी इस बात को समझ गए थे कि बादशाह के सवाल में कोई धार्मिक कटाक्ष नहीं, बल्कि उनकी बुद्धि परख की परीक्षा है |
बीरबल ने कहा- आपका प्रश्न उचित है श्रीमान….. मैं उचित अवसर पर सप्रमाण इसका उत्तर दूंगा |
ठीक है |
बीरबल ने उस नौकर से बात की जो बादशाह के पोते को संभालता था , गोद में खिलाया करता था | उस बच्चे को अपने से गिला मिलाकर बीरबल उस बच्चे को एक कलाकार के पास ले जाकर, ठीक बच्चे की शक्ल सूरत का मोम का पुतला तैयार करा लिया | बच्चे की देखरेख करने वाले नौकर को मोम का पुतला देते हुए बीरबल ने कहा- इसे बादशाह के पोते के कपड़े पहनाकर, तलाब की तरफ ले जाना | यह उस समय करना, जब संध्या समय मैं बादशाह सलामत के साथ तालाब के आसपास घूमता रहूं | बच्चे को गोद में लिए लिए प्यार करते करते तुम अपना पैर फिसला कर तालाब में इस तरह गिरना कि मॉम का पुतला बच्चा झटक कर दूर तलाब में गिरे | इस काम के बदले तुम्हें बहुत सा इनाम दिया जाएगा |
नौकर मान गया, उसने बीरबल का साथ देना स्वीकार कर लिया | उसे यकीन था कि बेशक फांसी की सजा हो जाए पर बीरबल उसे बचा ही लेंगे |
योजना अनुसार नौकर बादशाह के पोते रूपी मोम के पुतले को तलाब पर ले गया | बादशाह और बीरबल तलाब से कुछ दूर बगीचे की घास मैं बैठे बातें कर रहे थे | बातें करते-करते बादशाह अपने पोते को खिलाने वाले नौकर को भी देख लेते थे | अचानक नौकर का पैर फिसला वह पानी में गिरा|
बीरबल ने चीख कर कहा- बादशाह….. आपका पोता तलाब में गिरा |
बादशाह ने खुद देखा था- वह एकदम नंगे पैर अपने पोते को बचाने दौड़े | जाकर नौकर और मोम के पुतले बच्चे को तलाब में कूदकर बचाया | पर जब बच्चे की वजह मोम का पुतला देखा तो उन्हें गुस्सा आ गया |
बीरबल बोल पड़े- यह मेरी युक्ति थी- नौकर पर आप खफा ने hoo | अब आप स्वयं बताएं- जहां पर आप बैठे थे, वहां आपकी जूतियां भी थी -आप बगैर जूतियां पहने बच्चा बचाने दौड़ पड़े | महल में नौकर चाकर भी थे, पर उन्हें बुलाने के बजाय आप खुद पानी में कूद पड़े | मैं जानना चाहता हूं- आपने ऐसा क्यों किया……?
बच्चे के मोहवास …... बादशाह का जवाब था |
बस- भगवान भी अपने भक्तों से इतना ही मुंह रखते हैं, जितना आप अपने पोते से रखते हैं - वह भी अपने भक्तों की पुकार पर, उन्हें मुसीबत में फंसा देखकर, बगैर जूतियां के बगैर नौकर चाकर के उन्हें बचाने दौड़ पड़ते हैं |
बीरबल की युक्ति पर बादशाह को ना सिर्फ अपने सवाल का जवाब मिल गया था | बल्कि वे बहुत खुश हुए थे|
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1 . ठगों की करतूत
2 . पेड़ की गवाही
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